Ganesh Chatuthi : गणेश चतुर्थी का त्योहार क्यों मनाते हैं

Ganesh Chaturthi
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कहते हैं कि देवाधिदेव महादेव के पुत्र भगवान श्री गणेश जी का जन्म भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था और पौराणिक कथाओं के अनुसार इसी चतुर्थी को भगवान श्री गणेश जी ने महर्षि वेदव्यास के कहने पर महाभारत लिखना शुरू किया था। वर्तमान में विधिविधान से चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा की जाती है और घर घर गणपति की प्रतिमा स्थापित कर दस दिन तक विधि विधान से पूजा पाठ की जाती है। अनंत चतुर्थी के दिन गणेश उत्सव का समापन होता है।

पूना से शुरू हुई परंपरा

यूं तो देश भर में गणेशोत्सव मनाया जाता है लेकिन गणेशोत्सव मनाने की सबसे पहले शुरूआत कहां से हुई ये जानते हैं आप ? महाराष्ट्र के पूना में सर्वप्रथम गणेश उत्सव मनाने की शुरूआत की गई थी। कहते हैं कि अंगे्रजों की शासनकाल में अपने परंपराओं की जीवित रखने और हिंदुओं को एकजुट करने के उददेश्य से शिवाजी महाराज ने गणेश चतुर्थी के दिन से गणेशोत्सव मनाने की नींव डाली और तब से लेकर आज तक महाराष्ट्र में धूमधाम से गणपति बप्पा का जन्मदिन मनाया जाता है।

बेहद खास हैं विध्नहर्ता

भगवान श्री गणेश को प्रथम पूज्य देव माना जाता है। कहते हैं कि यदि भगवान गणेश को साध लिया तो सभी देवी देवता प्रसन्न रहते हैं। ऐसे में गणेश चतुर्थी की पूजा बेहद खास मानी जाती है। आप भी यदि पूरे मनोयोग व विधि विधान से भगवान श्री गणेश जी की पूजा करेंगे तो आपके जीवन में आने वाली समस्त विध्न बाधाओं का समाधान हो जायेगा।

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